आरजेडी को सत्ता पाने की छटपटाहट – राजीव रंजन प्रसाद

आरजेडी को सत्ता पाने की छटपटाहट – राजीव रंजन प्रसाद
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पटना, 04 जुलाई 2025
जद (यू0) राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने आरजेडी कार्यसमिति की बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी की ये बैठक मात्र सत्ता पाने की बेचैनी है। बैठक पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी को पता है कि राजनीतिक तौर पर लालू प्रसाद यादव एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की साख जनता के बीच नहीं बची है ऐसे में बड़े तामझाम के साथ आयोजित इस तरह की बैठकों से आरजेडी का कोई भला नहीं होने वाला है।
उन्होंने कहा कि लोगों को यह पता है कि परिवारवाद में डूबे लालू प्रसाद यादव का हमेशा से बिहार के विकास के आगे अपने परिवार का विकास रहा है। ये बैठक वास्तव में आरजेडी की एक राजनीतिक नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बैठक पार्टी के कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि लालू परिवार के सदस्यों की बैठक है जिसका एकमात्र उद्देश्य नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की राजनीति को जिंदा रखना और सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की छाया में पार्टी को बनाए रखना है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आरजेडी से सवाल पूछते हुए कहा कि जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं हैए वहां कार्यसमिति की बैठक सिर्फ दिखावे के लिए क्यों की जा रही हैघ् क्या इस बैठक में कोई आम कार्यकर्ता बोल सकता हैघ् क्या कोई सदस्य तेजस्वी यादव या उनके परिवार के फैसलों पर सवाल उठा सकता हैघ् उन्होंने कहा कि आरजेडी की राजनीति अब सामाजिक न्याय या विकास के मुद्दे से भटककर सिर्फ परिवारवाद और सत्ता की भूख तक सीमित रह गई है। बिहार की जनता इस दिखावटी राजनीति को भली-भांति समझ चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास और सुशासन की जो स्थायी परंपरा स्थापित हुई है, उसे तोड़ना आरजेडी के बस की बात नहीं। आज बिहार हर क्षेत्र में विकास के नए मापदंड स्थापित कर रहा है। नए उद्योग धंधे लगाए जा रहे हैं, करोडों का निवेश हो रहा और हजारों नौकरियां सृजित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। हजारों किलोमीटर सडकों का जाल बिछा हैए नए पुल.पुलियों का निर्माण हो रहा है। विकास के कई पैमानों पर बिहार देश भर के कई राज्यों के साथ आज शीर्ष स्थानों पर है। वहीं लोगों ने लालू प्रसाद यादव एवं राबडी देवी के उस दौर को भी देखा है जहां बिहार की हालत बदतर थी। ना सडक थी, ना नौकरी थी और ना ही लोगों के पास रोजगार था। इसलिए इस बार भी जनता आरजेडी के झांसे में आने वाली नहीं है और उसने ठान लिया है कि ‘2025 से 2030 फिर से नीतीश’।
आरजेडी को पहले यह तय करना चाहिए कि पार्टी की कमान जनता के हाथ में है या सिर्फ लालू प्रसाद यादव परिवार के बीच सिमटी हुई है। कार्यसमिति की बैठक के नाम पर हो रही इस खानापूर्ति से बिहार की जनता गुमराह नहीं होने वाली।

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