- उद्योग विभाग और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच हुआ एमओयू,SGIDT में होगी इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना
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पटना 30 जुलाई 2025
उद्योग विभाग, बिहार सरकार, “प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) के अंतर्गत राज्य में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संजय गांधी दुग्ध प्रौद्योगिकी संस्थान (SGIDT), जो बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (BASU) के अधीन संचालित होता है,के साथ MOU किया।
बिहार सरकार इस केंद्र को सूक्ष्म उद्यमियों के लिए नवाचार और प्रशिक्षण का एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की परिकल्पना कर रही है। यह इनक्यूबेशन सेंटर एक ऐसा आदर्श मंच होगा जहाँ खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े स्टार्टअप्स और जमीनी स्तर के उद्यम आधुनिक तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकेंगे, वह भी भारी पूंजी निवेश के बिना।
समारोह के अवसर पर उद्योग विभाग के माननीय मंत्री श्री नीतीश मिश्रा, विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, निदेशक खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय श्री निखिल धनराज निप्पणीकर, BASU के कुलपति डॉ. इंदरजीत सिंह, SGIDT के डीन डॉ. उमेश सिंह एवं अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
परियोजना का उद्देश्यः
“प्रस्तावित इनक्यूबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य एक आधुनिक, पूर्णतः सुसज्जित प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण सुविधा का निर्माण करना है, जो सूक्ष्म उद्यमों और सामुदायिक संगठनों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। यह साझा उपयोग के लिए अधोसंरचना प्रदान करेगा जिससे कृषि उपज को मूल्यवर्धित उत्पादों में परिवर्तित कर उद्यमियों को अपने विचारों को व्यावसायिक रूप से लागू करने और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”
इस सुविधा का संचालन एक चयनित एजेंसी द्वारा कस्टम हायरिंग मॉडल पर किया जाएगा, जिससे इसका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा, साथ ही सूक्ष्म उद्यमों के लिए इसे किफायती और व्यावसायिक सहायता युक्त बनाया जा सकेगा।
इनक्यूबेशन सेंटर की प्रमुख विशेषताएँ:
कुल परियोजना लागतः ₹222.55 लाख (42.22 करोड़)
परियोजना पूर्णता की समय-सीमाः 31 मार्च 2026
होस्ट संस्थानः SGIDT, पटना
लाभार्थी समूहः स्वयं सहायता समूह (SHGs), कृषक उत्पादक संगठन (FPOS), सहकारी समितियाँ, सूक्ष्म उद्यम, स्टार्टअप्स
“यह केंद्र चार प्रमुख प्रसंस्करण लाइनों से युक्त होगा, जिन्हें पटना के ODOP (एक जिला एक उत्पाद) तथा स्थानीय व क्षेत्रीय बाजार की मांग को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।”
प्रस्तावित प्रसंस्करण लाइनें, क्षमता 150 मीट्रिक टन/वर्षः
1. सब्जियों की प्राथमिक प्रसंस्करण एवं कोल्ड स्टोरेज
2. आलू चिप्स निर्माण इकाई
3. अचार निर्माण इकाई
4. टमाटर केचप एवं प्यूरी प्रसंस्करण लाइन
इन लाइनों का चयन कच्चे माल की उपलब्धता, स्थानीय विशेषज्ञता और बाजार
की संभावनाओं के आधार पर किया गया है।
परियोजना का महत्वः
“यह प्रस्तावित सुविधा PMFME योजना के अंतर्गत बिहार राज्य में स्थापित होने वाला दूसरा इनक्यूबेशन सेंटर होगा, जो कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर में स्थापित हो रहे पहले केंद्र को पूरक रूप में सहयोग देगा। SGIDT पटना की राजधानी में रणनीतिक स्थिति इसे क्षेत्र भर के सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्टअप्स के लिए आसानी से सुलभ बनाती है।”
“SGIDT के आगामी फूड टेक्नोलॉजी फैकल्टी भवन और BASU से इसकी संबद्धता इस केंद्र को शैक्षणिक शक्ति और उद्यम सशक्तिकरण का एक अनूठा संगम बनाती है।”
“यह इनक्यूबेशन सेंटर संभावित उद्यमियों के लिए प्रवेश बाधाओं को कम करेगा, जिससे उन्हें महंगे खाद्य प्रसंस्करण उपकरण, परीक्षण सुविधाएँ, भंडारण और वैल्यू चेन अधोसंरचना का उपयोग सुलभ हो सकेगा। यह केंद्र एक ज्ञान प्रसार केंद्र के रूप में भी कार्यर्या करेगा, जहाँ अच्छी निर्माण प्रक्रिया (GMP), स्वच्छता मानकों और व्यवसाय विकास पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचा (NSQF) के अनुरूप होगा।”
अतिरिक्त संदर्भ:
इस प्रस्ताव को एस.एल.टी.आई. (BAU सबौर) द्वारा अनुमोदन प्राप्त है और यह PMFME योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
SGIDT एक सरकारी संस्था होने के कारण, दिशा-निर्देशों के अनुसार 100% केंद्रीय सहायता के लिए पात्र है।
“हमें पूर्ण विश्वास है कि इस इनक्यूबेशन सेंटर की समयबद्ध स्थापना से बिहार खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पूर्वी भारत का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा, और साथ ही ग्रामीण उद्यमियों व जमीनी स्तर की इकाइयों को घरेलू एवं वैश्विक बाजारों में अपनी जगह बनाने का सशक्त अवसर मिलेगा।”