गुमला टीबी मुक्त भारत अभियान

टीबी मुक्त भारत अभियान खबर गुमला जिले की…….
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गुमला जिले में ‘टीबी मुक्त भारत अभियान 2025’ का शुभारंभ, दिसंबर तक चलाया जाएगा अभियान, शत प्रतिशत TB मरीजों का इलाज करना गुमला जिला का है लक्ष्य

गुमला: जिले में ‘टीबी मुक्त भारत अभियान 2025’ के अंतर्गत आज एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत हुई। सदर अस्पताल परिसर में उपायुक्त श्रीमती प्रेरणा दीक्षित ने अभियान का विधिवत उद्घाटन किया तथा उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों, अधिकारियों व समुदाय प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अभियान की रूपरेखा, कार्ययोजना और जनभागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।

उपायुक्त श्रीमती प्रेरणा दीक्षित ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि

यह अभियान केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन के रूप में संचालित हो। कार्य किसी दबाव में नहीं, बल्कि प्रेरणा और कर्तव्यबोध से किया जाए, क्योंकि दबाव में किया गया कार्य टिकाऊ नहीं होता। जब कार्य मन से किया जाता है तो सफलता निश्चित होती है। सभी स्वास्थ्यकर्मी नियमित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें, मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित हों और दिसंबर 2025 में अभियान की समग्र समीक्षा की जाएगी। हमारा स्पष्ट लक्ष्य है — गुमला को हर हाल में टीबी मुक्त बनाना।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 तक संचालित होगा, और इसके तहत सभी 159 पंचायतों में घर-घर स्क्रीनिंग, संभावित रोगियों की पहचान तथा समय पर जांच व उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

इस अवसर पर दो प्रमुख गतिविधियाँ आयोजित की गईं। दो टीबी प्रचार रथों को हरी झंडी दिखाकर जिले के पंचायतों, बाज़ारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों में जनजागरूकता फैलाने हेतु रवाना किया गया। साथ ही, स्क्रीनिंग एवं बलगम संग्रहण हेतु गठित माइक्रोप्लान टीमों को भी कार्य में लगाया गया।

अब तक जिले में कुल 1.28 लाख से अधिक नागरिकों की टीबी स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 18,000 से अधिक लोगों का एक्स-रे किया गया है तथा 6,344 व्यक्तियों को CBNAAT परीक्षण के लिए रेफर किया गया है। वर्तमान में गुमला जिले में 729 मरीज टीबी उपचाररत हैं, जिनका समुचित उपचार चल रहा है।

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. गणेश राम ने बताया कि 1 जुलाई से 14 जुलाई तक जिले के सभी 12 प्रखंडों — गुमला, रायडीह, डुमरी, जारी, चैनपुर, घाघरा, विशुनपुर, सिसई, भरनो, बसिया, पालकोट एवं कामडारा — में CHO, ANM, सहिया, स्वास्थ्य कर्मियों एवं वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से अभियान की नींव सुदृढ़ की गई।

सिविल सर्जन डॉ. शंभूनाथ चौधरी ने कहा कि—

जब तक गुमला की सभी पंचायतें टीबी मुक्त नहीं हो जातीं, तब तक यह अभियान जारी रहेगा। सभी आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी। दैनिक रिपोर्टिंग और समय पर मूल्यांकन से कार्य की पारदर्शिता और प्रगति सुनिश्चित की जाएगी।
कार्यक्रम में उपाधीक्षक सदर अस्पताल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, कौशल विकास कॉलेज की एएनएम छात्राएं, स्वास्थ्य कर्मी, सहिया तथा यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े कर्मचारीगण उपस्थित थे। मंच संचालन मुकेश कुमार सिंह द्वारा किया गया।

टीबी मुक्त भारत अभियान 2025 का उद्देश्य गुमला जिले को वर्ष के अंत तक टीबी मुक्त घोषित करना है। इसके लिए प्रमुख रणनीतियों में घर-घर स्क्रीनिंग, समय पर जांच और उपचार, असुरक्षित समुदायों पर विशेष ध्यान, स्कूल-कॉलेज एवं धार्मिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम, मरीज-सेवा प्रदाता संवाद और जन सहभागिता पर आधारित अभियान को गति दी जा रही है।

जिला स्वास्थ्य विभाग गुमला सभी नागरिकों से अपील करता है कि वे इस अभियान में सक्रिय सहभागिता देकर इसे जनांदोलन की सफलता में बदलें।

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