नीतीश सरकार द्वारा आशा स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता पारितोषिक राशि रूपये 1000/- से बढ़ाकर रूपये 3000/- एवं ममता को प्रतिप्रसव 600 रुपए देने की घोषणा


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पटना: 30जुलाई 2025
बिहार सरकार के द्वारा आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता पारितोषिक राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया अब यह राशि₹1000 से बढ़कर ₹3000 कर दी गई है। वहीं ममता स्वास्थ्य कर्मियों की भी पारितोषिक ₹300 प्रति प्रसव से बढ़कर₹600 प्रति प्रसव कर दिया गया।
आशा स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता स्वयंसेविका के रूप में समुदाय का प्रतिनिधित्व एवं स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में अहम् भूमिका निभाती है।
आशा के सहयोग से प्रसव पूर्व जाँच की संख्या बढ़ी है, फलतः गृह प्रसव की संख्या को कम करते हुए सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिला है। इनके द्वारा गृह भ्रमण कर नवजात शिशु का विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य देख-भाल, उच्च स्तर का पोषण, टीकाकरण, प्रत्येक गाँव में ओ.आर.एस., आई.एफ.ए. गोलियों का वितरण, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत गर्भनिरोधक साधनों का वितरण एवं उसके उपयोग से संबंधी जानकारी, रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत विभिन्न रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू, ए.ई.एस., फाईलेरिया, कुष्ठ, यक्ष्मा इत्यादि के रोकथाम, समाज में विकराल रूप ले रहे गैर संचारी रोग कार्यक्रम अंतर्गत कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों के संदर्भ में घर-घर जन-जागरूकता सहित लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने एवं अपने किट से प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
अतः आशा के मनोबल को बढ़ाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री, बिहार श्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देशन एवं माननीय मंत्री, स्वास्थ्य, श्री मंगल पाण्डेय के नेतृत्व में आशा, जो स्वास्थ्य व्यवस्था की मूल आधार है, को और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इनके पारितोषिक राशि को रूपये 1000/- से बढ़ाकर रूपये 3000/- करने का निर्णय लिया गया है।
आशा को मानदेय के अलावे अन्य विभिन्न प्रकार की सुविधायें जैसे स्मार्ट फोन के लिए रूपये 13,180/-, मोबाईल रिचार्ज के लिए प्रतिमाह 200 रूपये, प्रतिवर्ष दो साड़ी के लिए 2500/- रूपये, आशा डायरी, छाता, गृह आधारित शिशु देखभाल किट (थर्मामीटर व अन्य आवश्यक सामग्रियों से युक्त) दिया जाता है।आशा को देय राशि को सुलभ बनाने हेतु दिसम्बर 2020 से आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को अश्विन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन भुगतान सीधे खाते में किया जा रहा है, जिससे भुगतान प्रणाली पारदर्शी हुआ है एवं आशा कार्यकर्ताओं को त्वरित राशि हस्तांतरण का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना अंतर्गत भव्या द्वारा इस पूरी प्रक्रिया की और भी सहात एवं सुलभ बनाने हेतु आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर के लिए m-ASHA ऐप विकसित किया गया है, जिस पर आँकड़ों का संधारण ससमय संभव हो पाया है. जिलाते कार्यक्रमों का सतत् अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण सफल हो पाया है एवं जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुदृढ हुआ है।
वर्तमान में 91084 आशा एवं 4364 आशा फैसिलिटेटर चामीण स्तर पर कार्यरत है। इसके अतिरिका लगभग 20 हजार आशा एवं आका फैसिलिटेटर के चयन की कार्रवाई शीघ्र पूरी कर ली जायेगी।
जाशा की सहभागिता का ही प्रतिफल है कि राज्य का मासू मृत्यु अनुपात (MMR) घटकर SRS 2020-22 के अनुत्तार वर्तमान 91 हो गया है। नहीं शिशु मृत्यु दर (IMP) SRS 2020 के अनुसार घटकर 27 और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का मृत्यु दर (Under 5 Mortality late) SRS 2020 के अनुसार घटकर 30 हो गया है. जो राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। नवजात शिशु (जन्म से 28 दिन) मृत्यु दर (Neo-natal Mortailty Rate-NMR) भी SRS 2020 के अनुसार घटकर 21 है. जो राष्ट्रीय औसत (20) के करीब है। यहीं HMIS के कों के अनुसार टीकाकरण का आच्छादन 05 प्रतिशत हो गया है।
आशा एवं आशा फैसिलिटेटर की निष्ठापूर्वक सहभागिता का ही प्रतिफल है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संभालन हो रहा है।