सुरक्षा के लिए एंटी रेबिज का टीका लेकर ही काम करें पशु प्रेमी ,समाज का सहयोग जरुरी: डॉ विकास

सुरक्षा के लिए एंटी रेबिज का टीका लेकर ही काम करें पशु प्रेमी ,समाज का सहयोग जरुरी: डॉ विकास
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पटना।
राजधानी पटना में आवरा श्वानों एवं लावारिस पशुओं के संरक्षण के लिए कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ताओं जिन्हें हम सोसाईटी वॉरियर की संज्ञा देते हैं। वो प्रतिदिन अनेक समस्याओं का सामना करते हैं। सामाजिक स्तर पर उन्हें अनेकों वैचारिक मतभेदों व चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। बावजूद इसके ये सभी कार्यकर्ता विभिन्न इलाकों में आवारा श्वानों व लावारिस पशुओं को संरक्षित करते हैं। ऐसे वॉरियर समाज में पशु प्रेम की अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं। मगर उसी क्रम में उनकी सुरक्षा व जागरुकता बेहद जरुरी है। ऐसे में प्रदेश के चर्चित पशु चिकित्सक डॉ विकास शर्मा के पटना स्थित एनिमो पेट केयर में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दर्जनों अनसंग वॉरियर शरीक हुए और अपनी समस्याओं को साझा किया।

पशु चिकित्सक व एनिमो पेट केयर के निदेशक डॉ विकास शर्मा ने बताया कि आवारा श्वानों के काटने से रेबिज जैसी जानलेवा गंभीर बीमारी होती है। जिससे बचाव के लिए जागरुकता जरुरी है। समाज के लोगों को जागरुक होना पड़ेगा और उन्हें एंटी रेबिज की मुहिम में समर्थन देना चाहिए। पटना विभिन्न मुहल्लों में खासकर फुलवारी शरीफ, पटना सिटी, कंकड़बाग, गर्दनीबाग, पुनाईचक, पटेल नगर, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड, बुद्धा कॉलनी, अशोक राजपथ समेत अन्य इलाकों में जो भी वॉरियर आवारा श्वानों व लावारिस पशुओं की देखभाल में निःस्वार्थ भाव से लगे हैं। ये केयरगिवर इन पशुओं के लिए उचित खानपान, रेबिज टीकाकरण एवं इलाज समेत अन्य समस्याओं के निष्पादन में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनको समाज के लोगों द्वारा समर्थन देना चाहिए न कि उन्हें धमकी और गाली देकर अपमानित किया जाए। कई समाजिक कार्यकर्ताओं की यह समस्या है कि आवारा पशुओं को संरक्षित करना उन्हें मंहगा पड़ जाता है। यह अनसंग हीरो यदि इन पशुओं की देखभाल नहीं करेंगे तो इन पशुओं का उत्पाद और आतंक बढ़ सकता है।

समाज के लोग यह नहीं समझते हैं कि जो पशु प्रेम के जरिये समाज में अपनी संवेदना जाहिर कर रहे हैं। उन्हें जन समर्थन मिले न कि उन्हें धमकी मिले। इस बौठक में शामिल कई युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी राय रखी और बताया कि विभन्न इलाकों में जहां ये लोग अपनी सेवा दे रहे हैं। वहां देसी श्वानों या लावारिस पशुओं की देखभाल करने में समाज का सहयोग नहीं मिल रहा है। इस बैठक में सलमा जी, प्रज्ञा मिश्रा, नंदिनी पांडेय, डॅा स्वीटी ठाकुर, ऑस्कर, निकिता, रोहित पांडेय, कृष्ण केशव नाथ, नेहा सिंह, मिली जी, काजल, अकांक्षा, मनीषा, अनंत समेत कई अन्य शामिल हुए और अपनी समस्याओं व विचारों को साझा किया गया।

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