जल जीवन हरियाली’ के संगम से बदलेगी बिहार की तस्वीर2025-26 में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे
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पटना, 01 अगस्त
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से आगामी 05 अगस्त को ‘जल जीवन हरियाली अभियान’ के अंतर्गत ‘पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण’ विषय पर परिचर्चा किया जाना है। बिहार सरकार ने वर्ष 2019 में ‘जल जीवन हरियाली’ अभियान की शुरूआत की थी। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटना, हरित आवरण बढ़ाना, जल स्रोतों का संरक्षण और ऊर्जा बचत को प्रोत्सहित करना है। इस अभियान के तहत राज्य के सभी क्रियान्वयन विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को ‘जल जीवन हरियाली दिवस’ मनाया जाए। इस वर्ष यह आयोजन 05 अगस्त को मनाया जाएगा।
इस अभियान का कार्यान्वयन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 15 अन्य हितधारक विभागों के साथ मिलकर कर रहा है। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के लिए ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है। इस योजना के कुल 11 अवयवों पर काम किया जा रहा है।
पर्यावरण विभाग के जिम्मे अवयव 5 और अवयव 8 आता है जिसके अंतर्गत यह विभाग छोटी- छोटी नदियों, नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण के साथ ही पौधशाला सृजन और सघन वृक्षारोपण करता है। विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक कुल 26482 चेक डैम एवं जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही अवयव 8 के अंतर्गत कुल 20.20 करोड़ पौधों का रोपण किया जा चुका है।
विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी के गुप्ता ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5 करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके विरूद्ध अबतक कुल 1 करोड़ पौधारोपण हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह लक्ष्य 4.67 करोड़ था जिसके विरूद्ध 4.14 करोड़ पौधारोपण हो चुका था। इस प्रकार लक्ष्य का 90 प्रतिशत हासिल किया गया था।