झारखंड का शराब घोटाला, कैसे एजेंसियों ने सरकार को लगाई 129 करोड़ रुपये की चपत…………..
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झारखंड में खुदरा शराब की बिक्री के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया के बीच प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा बड़ी गड़बड़ी किए जाने का खुलासा हुआ है। झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) की आंतरिक अंकेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व में शराब बेच रहीं सात प्लेसमेंट एजेंसियों ने राज्य सरकार को 129.55 करोड़ रुपये की चपत लगाई है।
वहीं इनमें से सिर्फ एक कंपनी मेसर्स विजन हॉस्पिटलिटी सर्विसेज से कुल 3.31 करोड़ रुपये की वसूली की गई। हालांकि, शराब घोटाले की जांच में यह बात भी सामने आयी कि विजन हॉस्पिटलिटी और मार्शन इनोवेटिव ने पांच-पांच करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी जमा करायी थी। ऐसे में विभाग इन कंपनियों की बैंक गारंटी भी जब्त नहीं कर सकता।
20 अगस्त तक होनी है निविदा जमा
इधर, नई शराब नीति के तहत दुकानों के संचालन के लिए विभाग की ओर से निविदा जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सभी जिलों में सीधे उत्पाद विभाग के पोर्टल के जरिए दुकानवार निविदा आवेदन और शुल्क जमा किया जा रहा है। संबंधित लोग अपनी सुविधा के अनुसार निविदा प्रक्रिया में शामिल होते हुए ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं और शुल्क जमा कर रहे हैं। विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, 20 अगस्त की रात 11.59 बजे तक इच्छुक लोगों की ओर से निविदा के तहत आवेदन और शुल्क जमा कराए जा सकते हैं।
एजेंसियों का जवाब- कर्मियों को सैलरी नहीं मिली
राज्य के 19 जिलों में शराब दुकानों के हैंडऑवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। वहीं सैंपल ऑडिट भी इन जिलों में कराया जा चुका है। उत्पाद विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, जेएसबीसीएल ने बकाया राशि की पूरी वसूली के लिए कंपनियों को नोटिस भी किया है। कंपनियों द्वारा शोकॉज का जवाब भी भेजा गया है। अधिकतर प्लेसमेंट एजेंसियों ने मैनपावर की सैलरी नहीं मिलने का जिक्र अपने शोकॉज में किया है।